क्या हाल है? नया साल है| वैसे कहने वाले कहेंगे, नया साल अब सात दिन पुराना हो गया है| पर हर दिन तो नया ही होता है| साल तो बस कालमापन के लिये बनी एक व्यवस्था है| हर दिन तो नया सुरज ही लेके आता है|
दिन नया है, साल नया है| पर सवाल तो यह है कि, क्या हम नये है? सोच कर बताये, बिते साल हमने क्या नया किया? क्या नया सिखा? और सबसे बडा सवाल क्या हमने खुद को जानने कि कोई कोशिश भी कि?
आम तौर पर लोग अगर उस साल मे बहुत रुपया मिले, नया घर खरीदे तो कहते है बिता साल बढीया रहा| अगर धंदे मे घाटा, परिवार मे मृत्यू, कोई accident हो, तो साल बुरा|
मेरा बिलकुल यह केह्ना नही कि, उपर दियी गयी घटनाये जीवन मे ख़ुशी या गम नही लाती|
मुझे आपको यह बताना है कि, खुशिया तो हमारी चारो और बिखरी पडी है| जरुरत है, तो उन्हे देखने के लिये सही नजरिया बनाने कि|
जीवन मे किसी का सपना होता है क्रिकेटर बनने का और किसी को सिंगर बनना होता है| पर उम्र बढती है, तब यह सपने आंखो से ओझल हो के मन मे मलाल बन के रह जाते है|
क्यो न उन सपनो को फिर से जिंदा किया जाये? उनपे जमी धूल को पोचकर उन्हे आंखो मे बसाया जाये| शायद हम विराट कोहली और लता मंगेशकर ना भी बन सके, पर कोशिश करने मे क्या जाता है? और क्या पता हमे उतनी सफलता मिल भी जाये| सफलता का मतलब ढेर सारा रुपया, बडा मकान, मेहेंगी गाडी थोडे ही होता है? सफलता का मतलब होता है हमे जो पसंद है वह काम करना| फिर अगर उससे आमदनी और नाम हो जाये, तो सोने पे सुहागा|
सपने पुरे करने के लिये पैसे कि नही, हिम्मत कि जरुरत होती है| हमारे आस पास ही देख लो कितने अतरंगी लोग भरे पडे है| कोई अपने बडी तनखाह कि नौकरी छोड कर restaurant खोल रहा है| कोई साठ कि उम्र मे शादी रचा रहा है| कोई औरत उसको सूट न होने वाला ढेर सारा make up पेहेंती है| कोई बच्चे बडे होने के बाद बिवी को divorce दे कर, childhood sweetheart से घर बसाना चाहता है| ऐसे अनगिनत किस्से है| दुनिया ऐसे अतरंगीयो से भरी पडी है|
समाज ऐसे अतरंगीयो को चैन से जिने नही देता| पर उन्हे कहा उनके approval कि पडी है| वह तो खुश है, अपनी ही दुनिया मे| अपने सपने जिने का साहस उन्होने जूटा लिया है|
काफी लोग कहेंगे हमसे नही बंध पायेगा इतना साहस| ठीक है, इतना नही तो थोडा तो अतरंगी बनो! अगर पानी से डर लगता है, तो पानी मे पैर डूबो के देखो| गाडी चलाने से डर लगता है, तो कभी driving seat पे बैठ कर तो देखो| अकेलेपन का डर है, तो कभी किसी सोलो trip पे जाके अपनी कंपनी enjoy करने मे कितना मजा आता है देखो|
अगर इतना भी न कर सके तो हम सब जिंदा लाश है| फिर तो साल आयेंगे और जायेंगे, जिंदगी के भी और कॅलेंडर के भी| आखिरकार new year को happy new year बनाना तो अपने ही हात मे है|
#365DaysofSelfLove #Hindi
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